29/05/2023
parivrtta janu sirsasana
जानुशीर्षासन परिवृत्त( parivrtta janu sirsasana) छाती की मांसपेशियों की स्ट्रैचिंग के लिए किया जाने वाला योगाभ्यास है
parivrtta janu sirsasana benefits.
यह आसन यकृत , गुर्दा व बढ़े हुए वृषणकोशों को रोगमुक्त करता है ।
पुरुषों के प्रमेह तथा स्त्रियों के प्रदर रोगों में लाभदायक है।
यह आसन किडनी व लीवर की कार्य क्षमता में वृद्धि करता है।
ब्रह्मचर्य रक्षा , ज्वर निवारण , कुण्डलिनी माता जागरण में लाभ देता है ।
पाचन संस्थान को भी पर्याप्त प्रभावित करता है।
टखनों एवं घुटनों में मोच हो तो इस आसन को करने से लाभ होता है।
कूबड़ के उपचार में लाभदायक सिद्ध होता है
मोटे पाँवों व नितम्बों को सुन्दर व सुडौल बनाता है एवं शरीर को कान्तिमय रखता है।
पूरे शरीर की कठोरता दूर करता है।
शिश्न ग्रंथियों की वृद्धि से पीड़ित व्यक्तियों को इस आसन में अधिक समय तक ठहरने से लाभ होता है । उन्हें चाहिए कि सर्वांगासन के साथ इस आसन का अभ्यास करें ।
पीठ दर्द में लाभदायक है ; क्योंकि यह आसन रीढ़ में रक्त प्रवाह उत्तेजित करता है
Thanku.....🙏 be safe .Be healthy